पथिक बना मैं घूम रहा हूँ, सभी जगह मिलती हाला,
सभी जगह मिल जाता साकी, सभी जगह मिलता प्याला,
मुझे ठहरने का, हे मित्रों, कष्ट नहीं कुछ भी होता,
मिले न मंदिर, मिले न मस्जिद, मिल जाती है मधुशाला!
सजें न मस्जिद और नमाज़ी कहता है अल्लाताला,
सजधजकर, पर, साकी आता, बन ठनकर, पीनेवाला,
शेख, कहाँ तुलना हो सकती मस्जिद की मदिरालय से
चिर विधवा है मस्जिद तेरी, सदा सुहागिन मधुशाला!
बजी नफ़ीरी और नमाज़ी भूल गया अल्लाताला,
गाज गिरी, पर ध्यान सुरा में मग्न रहा पीनेवाला,
शेख, बुरा मत मानो इसको, साफ़ कहूँ तो मस्जिद को
अभी युगों तक सिखलाएगी ध्यान लगाना मधुशाला!
मुसलमान औ' हिन्दू है दो, एक, मगर, उनका प्याला,
एक, मगर, उनका मदिरालय, एक, मगर, उनकी हाला,
दोनों रहते एक न जब तक मस्जिद मन्दिर में जाते,
बैर बढ़ाते मस्जिद मन्दिर मेल कराती मधुशाला!
कोई भी हो शेख नमाज़ी या पंडित जपता माला,
बैर भाव चाहे जितना हो मदिरा से रखनेवाला,
एक बार बस मधुशाला के आगे से होकर निकले,
देखूँ कैसे थाम न लेती दामन उसका मधुशाला!
milaayen chalo
Koi nagmaa muhabbat ka gayen chalo
Sare shikwe gile bhool jayen chalo
Tanha tanha chale deir tak door tak
Ab kadam se kadam fir milayen chalo
Ek muddat hui ek dooje se hum
Roothe roothe se hain man jayen chalo
Manzilen thak gayeen rastaa dekhti
Raaste de rahe hain sadain chalo
Pyar ki raushani baantne ke liye
Hum diyon ki tarah jhilmilayen chalo
Khar nafart ke chun kar sabhi rah se
Pyar ke gul chaman mein khilayen chalo
Haath se haath humne milye bahut
Ab dilon se diloN ko milaayen chalo
Kitne maasoom hain share Mare
Sare shikwe gile bhool jayen chalo
Tanha tanha chale deir tak door tak
Ab kadam se kadam fir milayen chalo
Ek muddat hui ek dooje se hum
Roothe roothe se hain man jayen chalo
Manzilen thak gayeen rastaa dekhti
Raaste de rahe hain sadain chalo
Pyar ki raushani baantne ke liye
Hum diyon ki tarah jhilmilayen chalo
Khar nafart ke chun kar sabhi rah se
Pyar ke gul chaman mein khilayen chalo
Haath se haath humne milye bahut
Ab dilon se diloN ko milaayen chalo
Kitne maasoom hain share Mare
Uski koi ghazal gungunaen chalo
Source
KAMAL
अलख जगावौ रे
गांव-गांव ढाणी सैरां में अलख जगावौ रे
राजस्थांनी भासा नै गळै लगावौ रे
मायड़ भासा नै सगळाई हिवड़ै लगावौ रे
इण में मीरा री भगती है
इण में वीरां री सगती है
आवौ नीं अणमोल खजानौ खोल बतावौ रे
इण में पदमण री पूंजी है
आजादी इण्में गूंजी है
गफ़लत में सूतां भाया नै परा जगावौ रे
प्रीत कळसिया भर-भर पाया
हालरियौ पूतां रै सुलाया
मावड़ री ममता नै भायां कियां भुलावौ रे
सावण बरसै इंदर गाजै
ढोल नगाड़ा इणमें बाजै
सातौईं फेरा खावै लाडेसर आवै सावौ रे
कुटंब-कबीला एक राखिया
इमरत रा फळ आपां चाखिया
घर सूं काढ़ स्यान थां मत घमावौ रे
रेत में रमियोड़ी भासा
मिनखां रै मनड़ै री आसा
मानतौ मिळ जावै इणनै जतन करावौ रे
इणमें मूमल री मेड़ी है
प्रीत-रीत राचै जैड़ी है
ढोला-मारु हुया मुलक में कोई बतावौ रे
राजस्थांनी भासा नै गळै लगावौ रे
मायड़ भासा नै सगळाई हिवड़ै लगावौ रे
इण में मीरा री भगती है
इण में वीरां री सगती है
आवौ नीं अणमोल खजानौ खोल बतावौ रे
इण में पदमण री पूंजी है
आजादी इण्में गूंजी है
गफ़लत में सूतां भाया नै परा जगावौ रे
प्रीत कळसिया भर-भर पाया
हालरियौ पूतां रै सुलाया
मावड़ री ममता नै भायां कियां भुलावौ रे
सावण बरसै इंदर गाजै
ढोल नगाड़ा इणमें बाजै
सातौईं फेरा खावै लाडेसर आवै सावौ रे
कुटंब-कबीला एक राखिया
इमरत रा फळ आपां चाखिया
घर सूं काढ़ स्यान थां मत घमावौ रे
रेत में रमियोड़ी भासा
मिनखां रै मनड़ै री आसा
मानतौ मिळ जावै इणनै जतन करावौ रे
इणमें मूमल री मेड़ी है
प्रीत-रीत राचै जैड़ी है
ढोला-मारु हुया मुलक में कोई बतावौ रे
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