ये हाल हमारा

ये हाल हमारा है या
तुम्हारे हाल का हम इज़हार करते हैं
नज़रों से नज़रें मिलती हैं
फिर लबों पर कुछ सवाल बार बार उठते हैं
बेहाल से हम तुम्हारा इन्तेज़ार करते हैं
ये खयाल तुम्हारा है
या हम खयालों से प्यार करते हैं...

No comments: